मैं हिंदू हूं हिंदू जगाने आया हूं हिंदू जगा कर जाऊंगा Ved Vyas Bikaner 2018 new song

Excellent video song! Let the Hindus organize processions periodically and occasionally all over the nation carrying arms, and marching on streets singing this song. This shakti-pradarshan should cool down the asura.

https://youtu.be/G105L8GKVQ0?t=61

 

नींद से जागा हिन्दू

Source: https://www.youtube.com/watch?v=1OsdmcenKLU

Comment by Tusharika Trivedi:

प्रचंड वेग यह राष्टवाद का रुकने को तैयार नहीं,

और नींद से जागा हिन्दू झुकने को तैयार नहीं।

Comment by ROHIT KUMAR:

वो मेरे ही देवी देवताओं को गाली देता रहा,

और कानून मेरा सोता रहा .

जिस दिन मिला उसी दिन गाड़ दूंगा इसी माटी मे,

तब कर्ज पुरा हो जब भगवा होगा इसकी छाती मे.

  जय माता दी 🙏💐

#अंग्रेजी_नव_वर्ष मनाने वालों, आप भी बन रहे हैं मिशनरियों की साजिश का शिकार..

 

*ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं* A Poem

*ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं* A Poem

From: Vinod Kumar Gupta < >

_*ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं*_
_*है अपना ये त्यौहार नहीं*_
_*है अपनी ये तो रीत नहीं*_
_*है अपना ये व्यवहार नहीं*_
_*धरा ठिठुरती है सर्दी से*_
_*आकाश में कोहरा गहरा है*_
_*बाग़ बाज़ारों की सरहद पर*_
_*सर्द हवा का पहरा है*_
_*सूना है प्रकृति का आँगन*_
_*कुछ रंग नहीं , उमंग नहीं*_
_*हर कोई है घर में दुबका हुआ*_
_*नव वर्ष का ये कोई ढंग नहीं*_
_*चंद मास अभी इंतज़ार करो*_
_*निज मन में तनिक विचार करो*_
_*नये साल नया कुछ हो तो सही*_
_*क्यों नक़ल में सारी अक्ल बही*_
_*उल्लास मंद है जन -मन का*_
_*आयी है अभी बहार नहीं*_
_*ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं*_
_*है अपना ये त्यौहार नहीं*_
_*ये धुंध कुहासा छंटने दो*_
_*रातों का राज्य सिमटने दो*_
_*प्रकृति का रूप निखरने दो*_
_*फागुन का रंग बिखरने दो*_
_*प्रकृति दुल्हन का रूप धार*_
_*जब स्नेह – सुधा बरसायेगी*_
_*शस्य – श्यामला धरती माता*_
_*घर -घर खुशहाली लायेगी*_
_*तब चैत्र शुक्ल की प्रथम तिथि*_
_*नव वर्ष मनाया जायेगा*_
_*आर्यावर्त की पुण्य भूमि पर*_
_*जय गान सुनाया जायेगा*_
_*युक्ति – प्रमाण से स्वयंसिद्ध*_
_*नव वर्ष हमारा हो प्रसिद्ध*_
_*आर्यों की कीर्ति सदा -सदा*_
_*नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा*_
_*अनमोल विरासत के धनिकों को*_
_*चाहिये कोई उधार नहीं*_
_*ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं*_
_*है अपना ये त्यौहार नहीं*_
_*है अपनी ये तो रीत नहीं*_
_*है अपना ये त्यौहार नहीं*_
*✍🏻राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर*

_वर्षो से यही सर्वोच्च काव्य   *ईसाई नववर्ष* पर प्रेषित करके हम अपना विरोध जताते आ रहे हैं___फिर भी हमें खेद है कि
*🚩हिन्दू नव वर्ष🚩*
_के स्वागत के लिए हम उत्साहवर्धक व सम्मानजनक आयोजनों को राष्ट्रव्यापी न बना सकें___

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गांधी के बारेमे

Source: https://www.youtube.com/watch?v=3Lobm8ud8Vo

Comment bu Dilip Biswas

#2 अक्टूबर…

 

ना ‘गाँधी’ मेरा ‘बापू’ था और ना मैं उसका बेटा,

किसने उसको बनाकर ‘बापू’ सबके साथ लपेटा?

 

ना मैं ‘उससे’ सहमत था और ना कभी भी हूँगा,

कोई हाथ लगा दे मुझको क्या दो ना उसको दूँगा?

 

‘अहिंसा’ का किया दिखावा, खेल कुछ ऐसा खेला,

भगत सिंह के साथ किया जो, कैसे कोई भूला?

 

झूठे फ़रेब का जाल बिछाकर, उसको ‘महान’ बनाया,

शर्मसार किया ‘ब्रम्हचर्य’ को, फिर कैसे ‘साफ़’ बताया?

 

जो सच्चे थे ‘लाल बहादुर’ उनका सम्मान घटाया,

क्या गलती थी ‘शास्त्री जी’ की जो उनको आज भुलाया?

 

– दिलीप बिस्वास

(सनातनी भारतीय)

 

 

#dhartidhorari #ddr #kavisammelan धर्म संसद में इस कवि की बात सुनकर पूरा संत समाज सन्न रह गया।खून खौल उठेगा। Shubham Mangla