भारतके राज्य विभाजन का आधार


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अभी देश में 29 राज्य और सात केंद्र शाषित प्रदेश हैं. इनमें अधिकतर राज्य आजादी के बाद ही अस्तित्व में आए. वर्ष 1947 में संयुक्त अवध प्रांत और आगरा प्रांत के क्षेत्रों को मिलाकर संयुक्त प्रांत बनाया गया, जिसे आगे चलकर 1950 में उत्तर प्रदेश नाम दिया गया.
इसी प्रकार पश्चिम बंगाल जो कि 1905 में बंगाल के दो भागों के विभाजन के साथ अस्तित्व में आया, से अलग होकर 1950 में बिहार और उड़ीसा राज्य बने. 1956 में राज्य पुनर्गठन आयोग द्वारा भाषा को आधार मानते हुए, मद्रास से तेलुगु भाषी क्षेत्रों को अलग कर उसमें हैदराबाद प्रांत को मिलाते हुए आंध्र प्रदेश राज्य बनाया गया, जो कि भाषाई आधार पर बनने वाला पहला राज्य बना.
मैसूर प्रांत में कन्नड़ भाषी क्षेत्रों को मिलाकर कर्नाटक राज्य बनाया गया और ब्रिटिश इंडिया के केंद्रीय प्रांत और बेरार क्षेत्र को मध्य भारत, विंध्य प्रदेश और भोपाल के साथ मिलाकर मध्य प्रदेश राज्य बना. 1960 में बॉम्बे प्रांत को दो भागों में बांटकर पश्चिमी भारत के दो बड़े राज्यों महाराष्ट्र और गुजरात बनाया गया.
वर्ष 1957 में नागा हिल्स का तेसांग क्षेत्र केंद्रीय अधिकार में आ गया, जिसे असम राज्य से प्रशासित किया जाने लगा, मगर आगे चल कर नागालैंड की विशेष पहचान और संस्कृति को संरक्षित करने के लिए हुए लगातार आंदोलनों के परिणामस्वरूप 1963 में नागालैंड को असम से पृथक राज्य बना दिया गया.
आजादी के बाद पटियाला प्रिंसली स्टेट को अन्य आठ राज्यों से जोड़कर ‘पटियाला एंड ईस्ट पंजाब स्टेट यूनियन (पेप्सू)’ बनाया गया था, जिनमें कुछ अन्य क्षेत्रों को जोड़कर 1956 में पंजाब राज्य बना और वर्ष 1966 में हरियाणा को पंजाब से ही पृथक कर अलग राज्य बनाया गया.
वर्ष 1970 में असम के क्षेत्र मेघालय को स्वायत्त घोषित कर दिया गया, जिसे वर्ष 1972 में पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ. इसी प्रकार असम राज्य में ही नार्थ ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी का एक भाग, जो कि केंद्र सरकार द्वारा प्रशासित होता था, को अलग करके 1972 में अरुणाचल प्रदेश बनाया गया.
इसके अलावा 1972 में ही असम के जिले मिजोरम को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया, जिसे वर्ष 1986 में मिजो नेशनल फ्रंट के साथ संधि करके वर्ष 1987 में पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया. इसके अलावा वर्ष 2000 में झारखंड और छत्तीसगढ़ क्रमशः बिहार और मध्य प्रदेश से अलग करके बनाए गए, जबकि 2000 में ही उत्तर प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों को उनकी प्राकृतिक विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए और उनके संरक्षण और विकास के लिए उत्तरांचल राज्य बना, जिसका वर्ष 2007 में नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया और वर्ष 2014 में आंध्र प्रदेश से अलग होकर तेलंगाना राज्य अस्तित्व में आया.
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Author: Vyasji

I am a senior retired engineer in USA with a couple of masters degrees. Born and raised in the Vedic family tradition in Bhaarat. Thanks to the Vedic gurus and Sri Krishna, I am a humble Vedic preacher, and when necessary I serve as a Purohit for Vedic dharma ceremonies.

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