Source: https://www.youtube.com/watch?v=FYvTc71mpPI
(I will do some edits for correct words- SV)
विजली ने चमकारे, मोतीड़ा पिरोवी ल्यो पान बाई
अचानक अंधारा थासे जी जोतारे जोतामा दिवसो,
वेया जासे पान बाई एकवीस हज़ार छह सौ ने,
काल खाशे जान्या रे जेवी आ तो, अजान छे रे पान बाई ई
अधूरिया ने नौ कहवाये जी गुपत रास नो,
खेल छे आ अटपटो ने तमे आंटी रे मेलो तो समझाए जी
मान रे मूकीने तमे, आवो ने मैदान म्हारे जानी लेजो जीव केरी जात ने सजाती विजाती नी,
जुगती देखाडूं ने बीबे रे पाड़ी दऊँ बीजी भात जी पिंड रे ब्रह्माण्ड थी,
पर छे गुरूजी म्हारो एनो रे देखाडूं तमने देश जी गंगा रे सती तो,
एमज बोल्या ने नियान नहीं माया नो जराए लेश जी