स्वामी नरसिंहानंद जी की सुरक्षा में विलम्ब क्यों_?


From: Vinod Kumar Gupta < >

 

स्वामी नरसिंहानंद जी की सुरक्षा में विलम्ब क्यों_?

 

आज हिन्दू धर्म क्रान्ति के सजग योद्धा यति नरसिंहानंद सरस्वती जी के जीवन पर भारी संकट मंडरा रहा है। विश्व के समस्त जिहादियों ने स्वामी जी का “सर तन से जुदा” करने का खुलेआम ऐलान कर रखा है।जिहादियों के षडयंत्रों की पूर्ण जानकारी होने के उपरान्त भी प्राप्त समाचारों के अनुसार शासन द्वारा स्वामी जी की सुरक्षा के लिये कोई संतोषजनक व ठोस व्यवस्था अभी तक उपलब्ध नहीं करवाई गई है। ऐसी विकट स्थिति में अगर कोई जिहादी अपने षड्यंत्र में सफल हो जाता है तो उसका सारा दोष शासन-प्रशासन पर जाएगा।

 

राष्ट्रवादियों को यह नहीं भूलना चाहिये कि स्वामी जी का हिन्दुओं को सुरक्षित रखने के लिये जिहादियों के विरुद्ध निरंतर चलाये जाने वाले जन-जागरण अभियानों से तथाकथित हिन्दू हित की रक्षक भारतीय जनता पार्टी को ही लाभ मिलता आ रहा है।

परिणामस्वरुप स्वामी जी के दशकों के अथक संघर्षो का भाजपा के शीर्ष पर पहुँचने में भी विशेष योगदान रहा है। ऐसे में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को भी स्वामी जी के अमुल्य योगदान को भूल जाना बहुत बडी भूल हो सकती है।

 

केंद्र में भाजपानीत सशक्त सरकार के होते हुए भी पिछ्ले कुछ वर्षों से मुख्यत: बंगाल व केरल में संघ व भाजपा के नेताओं व कार्यकर्ताओं का बहता हुआ लहू देशभक्तों को निराश कर रहा है। अभी हाल में बंगाल चुनावों के पश्चात हुए हिन्दुओं के व्यापक उत्पीड़न व हत्याकांड ने तो संघ परिवार सहित लाखों मतदाताओं और समर्थकों को भी हताश करके निरुत्साहित कर दिया है।क्या भाजपा के पदाधिकारियों व केन्द्रिय मंत्रियों को हिन्दुओं की रोती-बिलखती वेदना के स्वर सुनाई नहीं देते?क्या 2014 व 2019 में पूर्ण बहुमत से भाजपा को केंद्र की सत्ता में बैठाने वाले बहुसंख्यक हिन्दुओं का उत्पीड़न होता रहे और राजमद में हमारे नेता केवल वोटों के लाभ-हानि का गणित लगाते रहें?

 

अगर बहुसंख्यक हिन्दुओं की अवहेलना होती रही तो  हिन्दू हित के लिये वोट मांगने वाली भाजपा पुन: सत्ता में कैसे आ पायेगी? भाजपा के नीतिनियंताओं को मुख्य रुप से यह स्मरण रखना चाहिये कि सोनियानीत 2004-14 तक की सरकार में बढते हुए मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण दु:साहसी जिहादियों के अत्याचारों से ग्रस्त बहुसंख्यक हिन्दुओं ने 2014 व 2019 में केंद्र में शासन का अवसर प्रदान किया था। लेकिन अगर राष्ट्रवाद व विकास की आड़ में मुसलमानों का सशक्तिकरण करने के लिये भाजपा सरकार सक्रिय बनी रहेगी तो राष्ट्रवादियों का आक्रोश फुट पड़ेगा। सबका साथ, विकास और विश्वास केवल और केवल चुनावी ढकोसला बन चुका है।

 

इसलिये भविष्य में होने वाले चुनावों को ध्यान में रख कर भाजपा व राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ को हिन्दू साधू-संतों व हिन्दू समाज के मतदाताओं पर हो रहे आक्रमणों की अनदेखी नहीं करनी चाहिये। अगर बंगाल के समान भाजपा के समर्थकों पर राष्ट्रव्यापी आक्रमण होने लगेगा तो उसका परिणाम कितना भयंकर हो सकता हैं, सोच कर भी ह्रदय कांप उठता हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिये कि गज़वा-ए-हिन्द के लिये सक्रिय जिहादियों ने बंग्ला देश व म्यांमार के मुस्लिम घुसपैठियों/आतंकवादियों द्वारा निरंतर अपनी शक्ति को बढाया हैं।हमारे सीमित सुरक्षा साधनों के अथक प्रयासों के उपरान्त भी देश की आन्तरिक सुरक्षा में जिहादियों के नित्य होने वाले अत्याचारों से अधिकांश देशवासियों में भय व्याप्त हैं। क्या जमायत-ए-उलेमा हिन्द द्वारा सवा करोड़ की सैन्य प्रशिक्षित मुस्लिम युवाओं के यूथ क्लब का किया जा रहा निर्माण देश के लिये एक बडी चुनौती नहीं बनेगा?

 

 ऐसे में हिन्दुत्व की रक्षार्थ जुटे हुए साधू-सन्त व अन्य हिन्दुत्वनिष्ट कार्यकर्ताओं की सुरक्षा अति आवश्यक हो जाती हैं।इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं कि इसीलिये आज सम्पूर्ण हिन्दू समाज क्रान्तिकारी धर्मयोद्धा स्वामी नरसिंहानंद जी के अमुल्य जीवन के लिये विशेष चिंतित हैं। आज स्वामी नरसिंहानंद जी   हिन्दू धर्म रक्षकों के प्रेरणापुंज बन चुके हैं।

 

अत: भारतीय जनता पार्टी व संघ परिवार के शीर्ष नेतृत्व को शिव शक्ति धाम, डासना (गाजियाबाद) के वरिष्ठ महंत एवं अखिल भारतीय सन्त परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंहानंद सरस्वती जी के बहुमूल्य जीवन की रक्षा के लिये हर संभव प्रयास करने होंगे। इसलिये आज सभी हिन्दुत्वनिष्ठ युवा शासन की ओर टकटकी लगाये देख रहा है कि कब भाजपा की केंद्र व राज्य सरकारें स्वामी जी को देश की सर्वोच्च “जेड प्लस” श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध करायेंगी?

विनोद कुमार सर्वोदय

(राष्ट्रवादी चिन्तक व लेखक)

गाज़ियाबाद

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Author: Vyasji

I am a senior retired engineer in USA with a couple of masters degrees. Born and raised in the Vedic family tradition in Bhaarat. Thanks to the Vedic gurus and Sri Krishna, I am a humble Vedic preacher, and when necessary I serve as a Purohit for Vedic dharma ceremonies.

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