From: Deva Sarran Samaroo < >
|| #तर्कशील_हिंदू_बनें ॥
मुल्ला जी :- ये तुम्हारे गणेश का मूँह हाथी का कैसे हो सकता है?
पंडित जी :- जैसे मुहम्मद साहब की गधी (अल बुराक) का मूँह औरत का हो सकता है।
मुल्ला जी :- ये तुम्हारा हनुमान पहाड़ कैसे उठा सकता है?
पंडित जी :- जैसे मुहम्मद चाँद के दो टुकड़े कर सकता है।
मुल्ला जी :- ये तुम्हारे शिव लिंग पूजना अश्लीलता है।
पंडित जी :- जैसे तुम्हारे शिवलिंग (काबा खाना) चूमना अशलीलता है।
मुल्ला जी :- ये तुम्हारे स्वर्ग में इन्द्र की इतनी अपसराएँ कैसे हो सकती हैं?
पंडित जी :- जैसे तुम्हारे अल्लाह की 72हूरे जन्नत में हो सकती हैं।
मुल्ला जी :- तुम्हारे यहाँ मूर्तीपूजा करना पाखंड है।
पंडित जी :- जैसे तुम्हारे यहाँ कब्र पूजना और ज़ियारत करना पाखंड है।
मुल्ला जी :- तुम्हारे यहाँ व्रत रखना पाखंड है।
पंडित जी :- तुम्हारे यहाँ रोज़ा रखना पाखंड है।
मुल्ला जी :- हमने तुमपर 1000 साल तक राज किया.
पंडित जी :- आपके डरपोक हिंदू पूर्वजों पर अरबीयों ने राज किया जिससे कि आप मुसलमान बने हम नहीं।
मुल्ला जी :- आपके यहाँ सती प्रथा और देवदासी प्रथा प्रचलित है।
पंडित जी :- आपके यहाँ हलाला और मुताह की प्रथा प्रचलित है.
मुल्ला जी :- आप गाँय को माता क्यों कहते हो बैल को बाप क्यों नहीं?
पंडित जी :- आप आयशा को उनमूलमोमीन (माँ) क्यों कहते हो? मुहम्मद को बाप क्यों नहीं?
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( नोट :- #हिंदू_तर्क_करना_सीखे )
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