मुसलमान एक जैसे ही होते है। अंधकार में न रहें.


मुसलमान एक जैसे ही होते है। अंधकार में न रहें.

Source: https://www.youtube.com/watch?v=NOqhGk22SFI

Comment by Subhash

मेरे भी क्लास में मुस्लिम पढ़े हैं। मेरे भी आफिस में मुस्लिम काम करते हैं। मैं जहाँ से सामान लेता हूं वहां मुस्लिम भी सामान लेते हैं। मैं जहां रहता हूं वहाँ भी मुस्लिम रहते है…।। वो कहते है, हम जुम्मे की नमाज पढ़ेंगे, सड़को पर…। मैंने भी कहा कोई बात नहीं, संविधान ने सबको धार्मिक आजादी का हक़ दिया है। ~वो~ कहते है हम मांस खायेंगे, अब वो बकरे का हो या गाय का…। मैंने कहा कोई बात नही, संविधान ने सबको हक़ दिया है कुछ भी खाने पीने का । अब मैंने कहा, “कॉमन सिविल कोड” आना चाहिए। तो वो बोला नही, ये ~इस्लाम~ के खिलाफ है। मैंने कहा, “बहुपत्नी प्रथा बंद हो।” तो वो बोला, _ये ~इस्लाम~ के खिलाफ है। मैंने कहा, “जनसंख्या रोकथाम के लिए कानून बनना चाहिए।” तो वो बोला, ये ~इस्लाम~ ले खिलाफ है। मैंने कहा, “तलाक़ सिर्फ कोर्ट में हो।” तो वो बोला, ये ~कुरान~ का अपमान है। मैंने बोला, “बांग्लादेशियों को वापस भेजना चाहिए।” वो बोला, वो हमारे ~मुस्लिम~ भाई है। मैंने कहा, “रोहिंग्या को वापस भेजो।” वो बोला, ~वो~ हमारे भाई है। मैंने बोला, “राम मंदिर बनना चाहिए।” वो बोला, कहीं भी बना लो पर अयोधया में नहीं.. वहां ~बाबरी मस्जिद~ बनेगी। मैंने बोला, “कश्मीरी पंडितों को उनका घर मिलना चाहिए।” वो बोला, कश्मीर को आजादी दो। मैंने कहा, “मदरसे बंद हो, सबको समान शिक्षा मिले।” वो बोला, ये ~इस्लाम~ का अपमान है। मैंने बोला, “मोदी ने ये अच्छा किया।” वो बोला, मोदी ~मुसलमानों~ का हत्यारा है। मैंने बोला, “बंगाल में हिन्दू के साथ गलत हो रहा है।” वो बोला, ~दीदी~ ने बहुत विकास किया है। मैंने बोला, “सारे आतंकवादियों को गोली मार देनी चाहिए।” वो बोला, सुधरने का 1 मौका दो। मैंने कहा, “हमारे 3 मंदिर अयोध्या, मथुरा, काशी वापस दो।” उसने कहा, कैसे दे.. वो तो हमारी मस्जिद है? भाई . . . .सारे मुसलमान एक ही होते है। जहां कम है, वहां तुम्हारे भाई है। पर जहां ज्यादा है.. वहां आप सोच भी नही सकते। जहां कम है, वहां सॉफ्ट है। जहां ज्यादा है, वहां रोज हिन्दू मर रहे है। जहां कम है, वहां उन्हें आपसे रोजगार मिलता है.. इसलिए आपके दोस्त है। मुसलमान एक जैसे ही होते है। अंधकार में न रहें. 🚩जय श्री राम🚩

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Author: Vyasji

I am a senior retired engineer in USA with a couple of masters degrees. Born and raised in the Vedic family tradition in Bhaarat. Thanks to the Vedic gurus and Sri Krishna, I am a humble Vedic preacher, and when necessary I serve as a Purohit for Vedic dharma ceremonies.

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