वियतनाम छोटा सा देश है जिसने….. अमेरिका को कैसे झुका दिया ?


Source: https://www.youtube.com/watch?v=lyqm3rihrbg

Comment by Shailendra Yadav

वियतनाम विश्व का एक छोटा सा देश है जिसने….. अमेरिका जैसे बड़े बलशाली देश को झुका दिया! लगभग बीस वर्षों तक चले युद्ध में अमेरिका पराजित हुआ था!अमेरिका पर विजय के बाद वियतनाम के राष्ट्राध्यक्ष से एक पत्रकार ने एक सवाल पूछा…. जाहिर सी बात है कि सवाल यही होगा कि आप युद्ध कैसे जीते या अमेरिका को कैसे झुका दिया ?? पर उस प्रश्न का दिए गए उत्तर को सुनकर आप हैरान रह जायेंगे और आपका सीना भी गर्व से भर जायेगा। दिया गया उत्तर पढ़िये। सभी देशों में सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका को हराने के लिए मैंने एक महान व् श्रेष्ठ भारतीय राजा का चरित्र पढ़ा। और उस जीवनी से मिली प्रेरणा व युद्धनीति का प्रयोग कर हमने सरलता से विजय प्राप्त की! आगे पत्रकार ने पूछा… “कौन थे वो महान राजा ?” मित्रों, जब मैंने पढ़ा तब से जैसे मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया! आपका भी सीना गर्व से भर जायेगा! वियतनाम के राष्ट्राध्यक्ष ने खड़े होकर जवाब दिया… “वो थे भारत के राजस्थान में मेवाड़ के महाराजा महाराणा प्रताप सिंह!” महाराणा प्रताप का नाम लेते समय उनकी आँखों में एक वीरता भरी चमक थी। आगे उन्होंने कहा… “अगर ऐसे राजा ने हमारे देश में जन्म लिया होता तो हमने सारे विश्व पर राज किया होता।” कुछ वर्षों के बाद उस राष्ट्राध्यक्ष की मृत्यु हुई तो जानिए उसने अपनी समाधि पर क्या लिखवाया… “यह महाराणा प्रताप के एक शिष्य की समाधि है !!” कालांतर में वियतनाम के विदेशमंत्री भारत के दौरे पर आए थे। पूर्व नियोजित कार्य क्रमानुसार उन्हें पहले लाल किला व बाद में गांधीजी की समाधि दिखलाई गई। ये सब दिखलाते हुए उन्होंने पूछा ” मेवाड़ के महाराजा महाराणा प्रताप की समाधि कहाँ है ?” तब भारत सरकार के अधिकारी चकित रह गए, और उनहोंने वहाँ उदयपुर का उल्लेख किया। वियतनाम के विदेशमंत्री उदयपुर गये, वहाँ उनहोंने महाराणा प्रताप की समाधि के दर्शन किये। समाधी के दर्शन करने के बाद उन्होंने समाधि के पास की मिट्टी उठाई और उसे अपने बैग में भर लिया इस पर पत्रकार ने मिट्टी रखने का कारण पूछा !! उन विदेशमंत्री महोदय ने कहा “ये मिट्टी शूरवीरों की है। इस मिट्टी में एक महान् राजा ने जन्म लिया ये मिट्टी मैं अपने देश की मिट्टी में मिला दूंगा …” “ताकि मेरे देश में भी ऐसे ही वीर पैदा हो। मेरा यह राजा केवल भारत का गर्व न होकर सम्पूर्ण विश्व का गर्व होना चाहिए।” (अपेक्षा की जाती है कि यह पोस्ट आप अभिमान के साथ सभी मित्रों के साथ शेयर करेंगे।)

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Author: Vyasji

I am a senior retired engineer in USA with a couple of masters degrees. Born and raised in the Vedic family tradition in Bhaarat. Thanks to the Vedic gurus and Sri Krishna, I am a humble Vedic preacher, and when necessary I serve as a Purohit for Vedic dharma ceremonies.

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