हिन्दू लोग, साईं बाबा के चंगुल में ना फंसे


From: Vishwas Pitke <vishwas.pitke@thirdvibration.com>

Sent: Sunday, May 5, 2019 10:19 PM

Subject: * *लव जिहाद और साईं बाबा :-*

लव जिहाद और साईं बाबा ——

साईं बाबा के चंगुल में फंसे हिन्दू—–

जोधपुर के फैज मोदी-पायल सिंघवी,आरिफ़ा’ लव जिहाद मामले में एक ऐसी खौफनाक सच्चाई सामने आयी है जिसे हम सबको जानना ही चाहिए । इस सच्चाई को अधिकांश समाचार पत्रों और मीडिया संस्थानों द्वारा दबा दिया गया था । यह सच्चाई है,साईं बाबा’ का इस्तेमाल कर हिन्दू धर्म को विखंडित करने की ।

इस पूरे मामले में जो प्रमुख बात उभर कर सामने आई वह यह है कि पायल सिंघवी के पिताजी श्री नरपत चंद जी सिंघवी कट्टर साईं भक्त है । इन्होंने अपने घर की ग्राउंड फ्लोर पर ही साईं बाबा का मंदिर बना रखा था । इस मंदिर में दर्शन करने कई मुसलमान आते थे जिसमें फैज मोदी भी शामिल था । इतना ही नही श्री नरपत सिंघवी के मार्गदर्शन में इसी मंदिर में रमजान माह में,नमाज’ भी अदा की जाती थी । इसी धार्मिक समभाव की कुटिल चाल में फैज मोदी ने पायल सिंघवी को फंसाया और उसे आरिफा बना दिया । जानकारी में सामने आया है कि मुस्लिम जिहादी फकीर साईं बाबा के नाम पर यह धूर्तता का खेल जोधपुर सहित पूरे देश मे खेला जा रहा है और हजारों युवतियों व उनके परिवारजनों को इसमे फंसाया जा रहा है । अभी हाल ही में जोधपुर के बॉम्बे मोटर्स चौराहा के ठीक बीचों बीच स्थित बाबा रामदेव मंदिर के प्रांगण में ही मुस्लिम साईं बाबा का मंदिर भी स्थापित कर दिया गया है । हमारे मित्र संजय दुबे अक्सर साईं बाबा के विषय मे लिखते रहते है ,  जिसे हम सबको जानना चाहिए ।

‘चांद मियां उर्फ साईं बाबा’ एक ऐसा षड्यंत्र है जिसे इस्लामिक वर्ल्ड की ओर से भरपूर आर्थिक सहयोग मिल रहा है ।  इसे यूँ समझिए कि साईं बाबा के एजेंट प्रचारकों ने पहले तो शिर्डी में उनके मजार पर एक मंदिर बनाया । फिर उसकी  देखरेख के लिए एक संस्थान बनाया । नाम दिया “शिर्डी साँईं संस्थान” ।  इसी संस्थान से वे अपने षडयंत्रों का संचालन करते रहे। मात्र पैंतीस से चालीस सालों में इस्लामिक फाउंडेशनों की पर्दे के पीछे से की जा रही फंडिंग के कहलाते इस साईं संस्थान ने पूरे भारतवर्ष के अनेको सनातनी हिन्दू मंदिरों में अपनी पैठ बना ली ।  साथ ही साथ इन मंदिरों के प्रांगण में और इससे इतर भी गल्फ से आ रहे पैसों के बल पर भी साईं बाबा के नाम और मूर्तियों वाले मंदिर भी बना लिए । इसके बाद इन्होंने हिन्दू देवी देवताओं को साँईं के नाम से जोड़ना शुरू कर दिया जैसे साँईं राम ,  साँईं कृष्ण ,  साँईं शिव ,  साईं गणेश आदि आदि-आदि।

सनातनी हिन्दुओं ने उनका प्रतिकार नहीं किया क्योंकि वे षड्यंत्र कारी हमारे बीच के ही थे। हमे यह जानना बहुत जरूरी है कि विदेशी ताकतों के द्वारा हिंदुओं को समाप्त करने के विदेशियों के उद्देश्य में यह संस्थान अपना अमूल्य योगदान पूरी ताकत से दे रहा है।

जिस प्रकार से इसाई एवं इस्लाम के प्रचार के लिए विदेशी फंड यहाँ के कई संस्थानों को उपलब्ध कराया जाता है ठीक उसी प्रकार इस संस्थान को भी बेनामी दान दाताओं के द्वारा अकूत धन उपलब्ध उपलब्ध कराया जाता है। यह धन आगे हिंदुओं के मंदिरों में और अन्य मौजिज लोगों को बांट दिया जाता है ।

इसे आप यूँ भी समझें हमारे अनेको मंदिर जहां वित्तीय परेशानियों से जुझते है वहीं इनके किसी भी मंदिर में फंड की कमी नहीं होती है । यह दिन दुनी रात चौगुनी गति से विस्तार करते रहते हैं।

हिन्दू धर्म को नुकसान पहुँचाने का यह तीसरा और अंतिम प्रयास है  । पहले हमलावर मुस्लिमों द्वारा ,  बाद में अँगरेजों के द्वारा ,  और अब साँईं षडयंत्रकारियों के द्वारा। अँगरेजों ने हमारी शिक्षा पद्धति को अपने मुताबिक बना कर अपनी योजना को सफल बनाया जिसमें मैकाले का योगदान अविस्मरणीय है।

वेद की गलत व्याख्या करके दुनिया को भरमाने का काम मैक्समुलर ने किया। इन दोनों की वजह से हम अपने मूल से अलग होकर एक ऐसी पीढ़ी बना चुके हैं जिसे ये नहीं पता कि हम जा किस दिशा में रहे हैं?अब यही भटकी हुई पीढ़ी इन नए षडयंत्रकारियों की शिकार हो रही है।

आज भोले भाले हिंदुओं पर यह दबाव बनाया जा रहा है कि वे साँईं (असल मे चाँद मियाँ) को भगवान का दर्जा देवें । हम व्यक्तिगत तौर पर पूजा की पद्धत्ति पर सहमत-असहमत हो सकते हैं परन्तु समग्र हिन्दू समाज के खिलाफ हो रहे आक्रमन के खिलाफ हमे एक होना ही होगा।

साँईं बाबा के नाम से कैसे अतिक्रमण होता है ,  इसको भी जरा समझें ।

हिन्दू जब कीर्तन करते हैं तो गाते है  हरे राम , हरे राम , राम-राम, हरे-हरे …हरे कृष्ण,  हरे कृष्ण,  कृष्ण कृष्ण हरे हरे…… ।

अब इसमें साईं भक्तों को  कोई लय नजर नहीं आती है। परन्तु जब साँईं गीत बजता है

” साँईं राम साँईं श्याम साँईं भगवान शिर्डी के साँईं हैं सबसे महान …..”।

इसमें उन सबको लय नजर आ जाती है। इसे उन हिन्दू से भक्तों द्वारा अपने फोन का रिंगटोन बनाया जाता हैं।

आप विशेष तौर पर आखिरी शब्दों पर गौर करें की

“शिर्डी के साँईं हैं सबसे महान” मने साईं बाबा के उपर राम या श्याम कोई नहीं ।

इतनी जल्दी यानी महज 30 से 40 सालों में ये कैसे महान बन गए भई ? क्या गांधी,  नेहरू, पटेल,  बोस, टैगोर ,  सावरकर , भगतसिंह,  आजाद आदि किसी के मुँह से ,  किसी के लेखों में साँईं का नाम आया है ?बताए  कोई ? यह भी बताए कोई कि प्रेमचंद,  जयशंकर प्रसाद,  महादेवी वर्मा,  दिनकर आदि ने कभी भी साँईं का जिक्र किया ? जरा सोचें और अपनी मूर्खता पर हँसें । अब देखें हिंदुओं के  इष्टों का हाल क्या बना दिया है इन्होंने? कई जगह साँईं की प्रतिमा के पैरों के नीचे बजरंग बली की प्रतिमा रखी जा रही है । वे सेवक की भाँति खड़े हैं । सभी भगवान जैसे राम,  कृष्ण,  शिव,  दुर्गा आदि साँईं के आगे गौण हो गए हैं। क्या साईं भक्तों का अपने भगवानों पर से विश्वास उठ चुका है ? क्या वे हिंदुओं की मनोकामना पूरी करने में अक्षम हो गए हैं ?

ये तो हद हो गई ! गुहार लगानी पड़ रही है उस हिन्दू धर्म को जो आदि काल से है । और गुहार भी किससे लगा रहे है?उस संस्थान से जिसे मात्र पचास वर्ष भी नहीं हुए गठित हुए ।

सोए रहो हिंदुओं ,  आवाज मत उठाना । यह संस्थान अभी हिंदुओं के घरों में मंदिर बना नमाज पढ़वा रहा है । उन परिवारों की भोली भाली लड़कियों का धर्म परिवर्तन कर उनका मुस्लिम युवकों से निकाह पढ़वा रहा है । यह संस्थान आने वाले समय मे भविष्य की पीढ़ियों को राम-कृष्ण-शिव की याद को हमेशा के लिए विस्मृत करवा कर ही छोड़ेगा । मामला लव जेहाद से भी आगे का है । इसे समझे। हमारे अपने भाई व बहन जो साईं बाबा के चंगुल में फंसे है उनका विवेक जगाएं । उन्हें इन बातों पर सोचने पर मजबूर करें । यह जागृत होने का समय है । रक्षा करने का समय है । हिन्दू धर्म की जय हो , अधर्म का नाश हो के उदघोष का समय है ।

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हिन्दू धर्म शास्त्र के अनुसार हमे केवल इन देवो की पूजा करनी चाहिये अन्य किसी की नहि :-

विष्णु ,शिव ,दुर्गा और उनके ९ स्वरूप ,गणेश, सूर्य ,और हनुमान। – Suresh Vyas

 

 

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Author: Vyasji

I am a senior retired engineer in USA with a couple of masters degrees. Born and raised in the Vedic family tradition in Bhaarat. Thanks to the Vedic gurus and Sri Krishna, I am a humble Vedic preacher, and when necessary I serve as a Purohit for Vedic dharma ceremonies.

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