अल्पसंख्यकवाद का मूर्ख विचार।


From: Vinod Kumar Gupta < >

➖अल्पसंख्यकवाद का भूत➖
विभिन्न समाचार पत्रो में  “अल्पसंख्यकों को मिलेगा पसंद का रोजगार” का समाचार पढ़ कर बड़ा खेद हुआ कि बीजेपी भी मुस्लिम तुष्टिकरण की कांग्रेस की परंपरागत नीतियों से छुटकारा नहीं चाहती ।
➖स्वतंत्रता के पूर्व व  बाद में भी आक्रामक रहें कट्टरपंथियों की उचित व अनुचित मांगों को मानना केंद्र व राज्य सरकारो की विवशता बनी रही, क्यों…क्या वोट बैंक की राजनीति ने राष्ट्रनीति को हाईजैक कर रखा है ? क्या धर्मनिरपेक्षता का अर्थ ही मुस्लिम तुष्टिकरण समझा जाने लगा है ?
➖मुसलमानों को मुख्य धारा में लाने की मृगमरीचिका में उन्हें इतना अधिक प्रोत्साहित किया जाने लगा की मूल भूमि पुत्रो को अनेक अवसरों पर अपमानित व तिस्कृत होना पड़ता है।
➖क्या कभी किसी ने यह विश्लेषण किया कि मुसलमान देश की  मुख्य धारा से बाहर कैसे है? जबकि उन्होंने अपने ( इस्लाम) लिए 1947 में अलग देश की मांग को लाखों लोगों की लाशों पर भी मनवाया ।
➖परंतु हमारे उदार नेताओं की सत्तालोलुपता ने मुस्लिम मानसिकता को नहीं समझा ? परिणामस्वरूप  हमारे तत्कालीन नेतृत्व की भयंकर भूल ने उस समय हिन्दू-मुस्लिम जनता की पूर्ण अदला-बदली नहीं होने दी।
➖अधिकांश पाकिस्तान की मांग करने वाले मुसलमान भी भारत में ही रुक कर भविष्य में पाकिस्तान की सहायता से भारत का इस्लामीकरण करने के षडयंत्रो को सहयोग करते रहे ।
➖इसके अतिरिक्त अनेक लाभकारी योजनाओं द्वारा अल्पसंख्यको के नाम पर अरबो-खरबो की धनराशि मुसलमानो पर  पिछले 65 वर्षों से लुटाई जाती आ रही है।समस्त संविधानिक अधिकारों के अतिरिक्त बहुसंख्यक हिंदुओं से अधिक विशेषाधिकार होने पर भी मुख्य धारा से अलग कैसे ?
🎯समाचारो के अनुसार अगले ढाई साल मे भाजपा की केंद्र सरकार पच्चीस लाख अल्पसंख्यक परिवार को अपने साथ जोड़ने के लिए उनकी रुचि के अनुसार रोजगार देना चाहती है।इसके लिए ड्राइविंग और कारों की सर्विसिंग से जुड़े रोजगार पर सबसे ज्यादा ध्यान होगा। सूत्र बताते हैं कि अल्पसंख्यक मंत्रालय और मारुति और टोयटा के साथ एक ऐसे समझौते पर विचार हुआ है जिसके तहत वह चुने हुए युवाओं को पांच से छह महीने का प्रशिक्षण देंगे। जिसका सारा खर्च सरकार उठाएगी। ऐसे युवाओं के लिए होस्टल भी बनाये जायेंगे। ध्यान रहे कि कुछ दिन पहले ही अल्पसंख्यक मामलो के राज्य मंत्री  नकवी ने मेवात में “प्रोग्रेस पंचायत” लगाई थी और आने वाले पांच छह महीनों में ऐसी सौ पंचायत और भी होनी है।
➖सोचने का विषय यह है कि क्या हिन्दुओ में बेरोजगार नहीं ? क्या हिंदुओं को प्रशिक्षित करके रोजगार देने की आवश्यकता नहीं ? आंकड़ो के अनुसार आज भी अल्पसंख्यको की कुल जनसंख्या से अधिक हिन्दू गरीबी रेखा के नीचे जीने को विवश है ।
➖जब वर्तमान सरकार “सबका साथ-सबका विकास” के सिद्धांत पर कार्य कर रही है तो यह भेदभाव क्यों ? साथ ही भारत के धर्मनिरपेक्ष स्वरुप में “अल्पसंख्यक मंत्रालय” ( जिसका गठन 2004 में सप्रंग सरकार ने किया था) का कोई औचित्य है ?
➖केंद्र की राष्ट्रवादी सरकार आतंकवाद पर जीरो टोलरेंस की बात करती है परंतु उसके विभिन्न स्वरुपो पर दृष्टिपात करने से क्यों बचती है ?
➖”अल्पसंख्यकवाद” की राजनीति  देश में  “आतंकवादियों”  को फलने-फूलने का भरपूर अवसर देगी तो “आतंकवाद” से कैसे लडा जा सकेगा ? जब पाकिस्तान आतंकवाद का निर्यातक है तो भारत में उसका आयातक “कौन” को पहचाने बिना आतंकवाद की परिभाषा अपूर्ण है।

(केन्सर रोग का एक जिवाणु शरीरमे आता है तो वो अल्प संख्या है। परन्तु उसको रक्षण नहि दिया जा शकता क्युं कि वो जान लेवा है।  बिना बुलाये घुसा हुवा ईसलाम वैसा हि है हम हिन्दुओं के लिये । – सुरेश व्यास)

विनोद कुमार सर्वोदय
ग़ाज़ियाबाद

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Author: Vyasji

I am a senior retired engineer in USA with a couple of masters degrees. Born and raised in the Vedic family tradition in Bhaarat. Thanks to the Vedic gurus and Sri Krishna, I am a humble Vedic preacher, and when necessary I serve as a Purohit for Vedic dharma ceremonies.

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