ईसाई संस्थाओं को कांग्रेस सरकार ने बांटें करोड़ों!


From: Pramod Agrawal < >

 

(1) हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराने वाली ईसाई संस्थाओं को कांग्रेस सरकार ने बांटें करोड़ों!

(2) इसाई एजेंडा चलाने वाली टेरेसा थी कट्टरपंथी और धोखेबाज : तसलीमा नसरीन

हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराने वाली ईसाई संस्थाओं को कांग्रेस सरकार ने बांटें करोड़ों!

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार क्या राज्य में ईसाई धर्म को बढ़ावा दे रही है? यह सवाल खड़ा हुआ है एक आरटीआई से पता चला है कि कांग्रेस में सिद्धारमैया की सरकार बीते कुछ समय में ईसाई संस्थाओं को करोड़ों रुपये दिए हैं। ये पैसे राज्य में बने चर्च की मरम्मत और सुंदरीकरण के नाम पर दिए गए हैं। इसके अलावा बड़ी रकम नए चर्च और क्रिश्चियन कम्युनिटी हॉल बनाने के लिए दी गई है। ऐसा करना संविधान की मूल भावना का उल्लंघन है, क्योंकि सेकुलर देश होने की वजह से कोई सरकार धार्मिक संस्थाओं को पैसा नहीं दे सकती। जाहिर है यह सवाल उठता है कि खुद को सेकुलर पार्टी बताने वाली कांग्रेस और उसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी को क्या कर्नाटक सरकार को रोकना नहीं चाहिए। या फिर कहीं ऐसा तो नहीं कि ईसाई संस्थाओं की जेब भरने का काम आलाकमान के इशारे पर ही हो रहा है?

 

ईसाई धर्म को बढ़ावा देने का एजेंडा?

26 मार्च 2016 को आरटीआई के तहत कर्नाटक सरकार से कुल 4 सवाल पूछे गए। ये सवाल सरकारी आदेश नंबर- MWD 318MDS2011 (दिनांक 16/01/2012) के हवाले से राज्य अल्पसंख्यक विभाग की तरफ से चर्च को दिए जा रहे फंड के बारे में थे।

 

पहला सवाल– चर्च की मरम्मत के लिए सरकार की तरफ से साल दर साल कितना फंड दिया गया?

दूसरा सवाल– उन ईसाई संस्थाओं/चर्च के नाम और पते बताएं जिन्हें मरम्मत के नाम पर सरकार से पैसे मिले हैं?

तीसरा सवाल– नए चर्च बनाने पर साल दर साल राज्य सरकार ने कितने पैसे जारी किए?

चौथा सवाल– उन ईसाई संस्थाओं/चर्च के नाम और पते बताएं जिन्हें नए चर्च बनाने के लिए पैसे दिए गए?

 

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इसाई एजेंडा चलाने वाली टेरेसा थी कट्टरपंथी और धोखेबाज : तसलीमा नसरीन

 

नई दिल्ली- भारत में निर्वासित जीवन बिता रही चर्चित बंगलादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन तथाकथित संत घोषित होने जा रही मदर टेरेसा पर मार्च में ट्वीट कर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे।

 

 

 

 

 

 

 

गौरतलब है कि तस्लीमा पहले भी टेरेसा पर सवाल उठाती रही है। पिछले साल फरवरी में उन्होंने मदर टेरेसा को मूर्ख बताते हुए कहा था कि वह गरीबों की नहीं गरीबी की हमदर्द थी। तब उन्होंने कहा था कि जब वे आंध्र ज्योति तेलगू की ब्यूरो चीफ थी तो 1975 में उन्होंने हैदराबाद में मदर टेरेसा का इंटरव्यू किया है। उन्हें टेरेसा बेवकूफ लगीं थीं।

 

तब नसरीन ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि मदर टेरेसा धोखेबाज और कट्टर थीं। वह गरीबी और दुख को आध्यात्मिक करार देती थीं। उन्हें गरीबों से नहीं गरीबी से हमदर्दी थी। उल्लेखनीय है कि हाल ही में वेटिकन ने घोषणा की थी कि वह ‘कथित रूप से’ सेवा कार्य करने वाली और गरीबों की भलाई के लिए काम करने वाली मदर टेरेसा को संत की उपाधि देगा।

 

वेटिकन के इस फैसले पर कई लोगों ने सवाल खड़े किये हैं क्योंकि टेरेसा पर आरोप था कि वो भी मिशनरियों की तरह सेवा की आड़ में धर्म परिवर्तन का घृणित खेल चलाती थी। ऐसे तथ्यों की भी कमी नहीं है जो यह साबित करते हैं कि टेरेसा का एजेंडा सेवा नहीं बल्कि ईसाईयत का प्रचार था। मदर टेरेसा पर ऐसे भी आरोप लगे थे कि वह दर्द से कराहते लोगों की सेवा करने के बजाय उन क्षणों का आनंद लेती थी और पीड़ित के दर्द से कराहने को उसे जीजस का किस करना बताती थी।

 

तस्लीमा ने टेरेसा को संत घोषित करने के फैसले पर अफ़सोस जताते हुए ट्वीट किया है कि…. इसाई एजेंडा चलाने वाली टेरेसा थी कट्टरपंथी और धोखेबाज ।

 

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Author: Vyasji

I am a senior retired engineer in USA with a couple of masters degrees. Born and raised in the Vedic family tradition in Bhaarat. Thanks to the Vedic gurus and Sri Krishna, I am a humble Vedic preacher, and when necessary I serve as a Purohit for Vedic dharma ceremonies.

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