From Puneet < >
Source: http://www.rajivdixit.com/?p=425#comments
आप लोग जोक्स फॉरवर्ड करते ही हो. इसे भी इतना फॉरवर्ड करो की पूरा भारत इसे
पढ़े … और एक आन्दोलन बन जाये …
सदियो की ठण्डी बुझी राख सुगबुगा उठी,
मिट्टी सोने का ताज् पहन इठलाती है।
दो राह, समय के रथ का घर्घर नाद सुनो,
सिहासन खाली करो की जनता आती है।
जनता? हां, मिट्टी की अबोध् मूर्ते वही,
जाडे पाले की कसक सदा सहने वाली,
जब् अन्ग अन्ग मे लगे सांप हो चूस् रहे,
तब् भी न कभी मुह खोल दर्द कहने वाली।
लेकिन, होता भूडोल, बवंडर उठते है,
जनता जब् कोपाकुल् हो भृकुटी चढ़ाती है,
दो राह, समय के रथ का घर्घर नाद सुनो,
सिहासन खाली करो की जनता आती है।
हुन्कारो से महलो की नीव उखड जाती,
सांसो के बल से ताज हवा मे उडता है,
जनता की रोके राह समय मे ताब् कहां?
वह जिधर चाहती, काल उधर ही मुडता है।
सबसे विराट जनतंत्र जगत का आ पहुंचा,
120 कोटि हित सिहासन तैयार करो,
अभिषेक आज राजा का नही, प्रजा का है,
120 कोटि जनता के सिर पर मुकुट धरो।
आरती लिये तु किसे ढुढता है मूरख,
मन्दिरो, राजप्रासदो मे, तहखानो मे,
देवता कही सडको पर मिट्टी तोड रहे,
देवता मिलेंगे खेतो मे खलिहानो मे।
फ़ावडे और हल राजदण्ड बनने को है,
धुसरता सोने से श्रृंगार सजाति है,
दो राह, समय के रथ का घर्घर नाद सुनो,
सिहासन खाली करो की जनता आती है।
उठो … जागो और जगाओ …
आज एक नया तूफ़ान उठाओ
इस तूफ़ान में उडने वाले है
निरंकुश, भ्रस्टाचारी , शाषक और शासन
इनकी आँखें अंधी और कान बहरे हो चले है
ये नहीं सुनते जनता का कृन्दन
चुप ना बैठो…अपना मुख खोल और विस्तारित करो अपनी वाणी
बहुत सहा है अब ना सहेंगे अब तक बहुत बह चूका पानी …
एक जिम्मेदार भारतीय नागरिक बनो …. अब जागने और जगाने का वक़्त आ गया है.
अपने दोस्तों , मित्रो , पड़ोसियों , गाँव , शहर में सभी जगह इन बातों पर चर्चा
करो , ब्लॉग लिखो, SMS करो. … नया सवेरा तुम्हारा इन्तेजार कर रहा है .