॥ जनसंख्या नियंत्रण के बारेमे ॥
हिन्दुस्तान मे जनसंख्या नियंत्रण का कानून जल्द क्युं आना चाहिये और विरोधियोको कैसे समज़ाना चाहिये वो यहां बताया गया है। मै अमरिका मे रहने वाला निवृत्त engineer हुं , और मेरे गांव मे सनातनी लोग मुझे एक हिन्दु धर्म प्रवक्ता व पुरोहित सुरेश व्यास के नाम से जानते है।
पहले देख लेते है कि भगवद गीता मे क्या कहा है। जनसंख्या का विष्फ़ोट होने से अधर्म बढता है।
“अधर्म की प्रबलता के साथ हे कृष्ण! कुल की स्त्रियां दूषित हो जाती हैं और स्त्रियों के दुराचारिणी होने से हे वृष्णिवंशी! अवांछित संतानें जन्म लेती हैं। अवांछित सन्तानों की वृद्धि के परिणामस्वरूप निश्चय ही परिवार और पारिवारिक परम्परा का विनाश करने वालों का जीवन नारकीय बन जाता है। जल तथा पिण्डदान की क्रियाओं से वंचित हो जाने के कारण ऐसे पतित कुलों के पित्तरों का भी पतन हो जाता है। अपने दुष्कर्मों से कुल परम्परा का विनाश करने वाले दुराचारियों के कारण समाज में अवांछित सन्तानों की वृद्धि होती है और विविध प्रकार की सामुदायिक और परिवार कल्याण की गतिविधियों का भी विनाश हो जाता है।“[i]
ज्यादतर हिन्दु लोग इतना हि बच्च्चे पैदा करते है जितने को वो हिन्दुस्तान के अच्छे नागरिक बना शके। इसलिये कोई हिन्दु जनसंख्या नियंत्रण कानून लानेका विरोध नहि कर रहा है। किन्तु मुसलमान दो कारण से कानून लानेका कडा विरोध है ।
- उनको गज़वा ए हिन्द करना है और मुसलमानो कि आबादी का प्रमाण हिन्दु ओ से बढाना है ता कि प्रजातंत्र मे वो सत्ता पर आ शके और संविधान को रद्द करके शरिया कानून हिन्दुस्तान मे चलाये और जबरन सब हिन्दु ओ को मुसलमान् बना दे।
- इस्लाम नहि कहता है कि मुसलमान अपनी कामवासना पर नियन्त्रन रक्खे । इसी लिये उनको हमेश संभोग ही करना है। हिन्दु ओ को मारकर इस्लामी जन्नत मे जा कर भी ७२ हुरों से संभोग ही करना है। उनको जरा भी तमन्ना नहि कि वे बच्चों को अच्छे नागरिक बनावे, किन्तु वो जिहादि ओ को पैदा करना चाहते है।
अब ये शोचें कि ये कानून लाने का किसको हक्क है।
हर एक देश के सरकार की जिम्मेवरी है कि वो अपने देश् की जनसंख्या का नियंत्रण करे। इस लिये भारत सरकार का ये हक है।
इस्लाम को विरोध करने की भूमिका निम्न कारणो से नहि है।
- इस्लाम भारत मे १००० साल से जबरन घुसा है। उसको निमंत्रित नहि किया है।घर व देश् मे घुसे हुवे को कोई हक्क नहि होता, और् ना कोई उनको कोई हक्क देता है।
- १९४६ में जिन्नाह ने सहि कहा था कि हिन्दु धर्म और इस्लाम मजहब मे कोई तालमेल या साम्यता नहि है। इसलिये इस्लाम भारत मे रहे वो हिन्दु ओ को अपने ही देश मे सब तरह का खतरा है।
- इस्लाम ने १९४७ मे गृह युद्ध की धमकी दे कर और DIRECT ACTION कि जिहाद करके हिन्दो ओ कि कत्ल करके देश का बटवारा करवाया है। जब बटवारा हुवा तो उनका नारा था “हंस के लिया पाकिस्तान, लडके लेंगे हिन्दुस्तान।“ हिन्दु ओ ने उनको पकिस्तान दिया, सैन्य दिये, और पाक के खजाने मे पैसे भी दिये, किन्तु इस्लाम के लिये तो हिन्दु कत्ल करने के लिये काफ़िर ही रहे है, और् कोई भाई चार बटवारे से नहि हुवा है, किन्तु भारत को और् हिन्दु ओ को बहूत कुछ गवाना पडा है।
- हज़ारों साल से भारत हिन्दु ओ का अपना देश है जो देवभूमि है। इसलिये असुरी विचारधारा वाले रेगिस्तान मे अभि अभि पैदा हुवे इस्लाम को भारत मे कोई जगह नहि होनि चाहिये। इस्लाम के ५० से ज्यादा देश है जहां अन्य कोई धर्म वाले को रहना अतु मुस्खिल है।
- १९४७ के बटवारे के बाद तो इस्लाम को भारत मे रखने का कोई कारण नहि है। जो मुसलमानो को हिन्दुओ ने भारत मे रहने दिया वो हिन्दु ओ की दरियादिलि है, उन्हो ने इस्लाम् को रहने का हक्क नहि दिया है।
- इस्लाम प्रजातन्त्र का दुश्मन है और भारत मे तो हिन्दु संस्कृति ही प्रजातंत्र की है।
- महिला ओ को इस्लाम संभोग की एक चिज़ समज़ता है, मनुष्य नहि। जब कि हिन्दु दंस्कृति मे महिला का बहूत् आदर है।
- इस्लाम मे मानवता को कोई जगह नहि है।
अब ये भी सवाल है कि इस्लाम भारत मे बैन नहि है , और इस्लाम नियन्त्रन कि मना करता है तो इसका क्या ?
तो इसका उत्तर ये है कि इस्लाम एक मजहब है, धर्म नहिं है । धर्म तो विश्व मे एक ही है और् वो सनातन धर्म है। कोई भी मानव के लिये वो है। वह बहूत पुराना है। उसके वहूत धर्म शास्त्र है। सभी हिन्दु प्रार्थना ए पूजा ए सब जिवो के कल्याण के लिये है। कहिं भी शास्त्र मे नहि कहा है कि जबरन किसी को हिन्दु बनाओ । जब की इस्लाम कहता है कि सब अन्य धर्मिओ को किसी तरह मार के भी मुसलमान् बनाओ, या कत्ल कर दो। और् हम रोज देख रहे है कि वे कत्ल करते है।
इसलिये हिन्दुस्तानमे जनसंख्या नियंत्रन कानून तुरन्त लाना चाहिये जिससे हिन्दु धर्म बचेगा और् हिन्दु देश भी बचेगा।